अश्वत्थामा अब कहाँ है?




अश्वत्थामा की खोज 






शिव महापुराण (शतरुद्रसंहिता-37) के अनुसार अश्वत्थामा आज भी जीवित हैं और वे गंगा के किनारे निवास करते हैं किंतु उनका निवास कहां है? यह नहीं बताया गया है।महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को नराधम कहते हुए 3,000 साल तक कोढ़ी के रूप में रहकर भटकने का शाप दे दिया था।
हमारी गणना के अनुसार अश्‍वत्थामा के शाप का काल पूरा हो चुका है, क्योंकि यदि हम महाभारत का युद्ध कम से कम 3,000 ईसा पूर्व होना मानें तो अब तक इस घटना के लगभग 5,000 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और अश्‍वत्थामा को तो 3,000 वर्ष तक ही शरीर में भटकने का शाप दिया था।
आधुनिक शोध के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था, लेकिन आर्यभट्ट के बताए समय पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वे कहते हैं कि 3137 ईपू में महाभारत का युद्ध हुआ था।
 दूसरी ओर ब्रिटेन में कार्यरत न्यूक्लियर मेडिसिन के फिजिशियन डॉ. मनीष पंडित ने महाभारत में वर्णित 150 खगोलीय घटनाओं के संदर्भ में कहा कि महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को हुआ था। उस वक्त भगवान कृष्ण 55-56 वर्ष के थे। उन्होंने अपनी खोज के लिए टेनेसी के मेम्फिन यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. नरहरि आचार्य द्वारा 2004-05 में किए गए शोध का हवाला भी दिया था।'माथुर चतुर्वेदी ब्राह्मणों का इतिहास' के लेखक बालमुकुंद चतुर्वेदी इस बारे में सभी से भिन्न मत रखते हैं। वे परंपरा से प्राप्त इतिहास एवं पीढ़ियों की उम्र की गणना करने के बाद बताते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म 3114 विक्रम संवत पूर्व हुआ था। 
इस मान से अश्‍वत्थामा 2,000 वर्ष पूर्व ही शाप से मुक्त हो चुके हैं और अब उनके जिंदा होने की संभावना नहीं के बराबर है। ऐसे में उनके जिंदा होने के कयास लगाते रहना उचित नहीं है।

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