महाभारत युद्ध के बाद कौरवों को स्वर्ग और पांडवों को नर्क क्यों मिला?




धर्म वो साधन है जो उसपे चले वाले को स्वर्ग ले जाता है, बिना धर्म के स्वर्ग नहीं मिल सकता है लेकिन अगर आपको धर्म को समझना है तो शास्त्र या धर्म का अध्ययन करिये! आपको ये कुछ विसंगत लग रहा है तो जान ले की ऐसी ही एक विसंगति महाभारत के स्वर्गारोहण पर्व में हुई थी!
युधिस्ठर को छोड़ सभी पांडव और द्रौपदी बिच रास्ते में ही प्राण छोड़ चले थे लेकिन युधिस्ठर सशरीर स्वर्ग पहुंचे, वंहा उन्होंने जब अपने भाइयो को नहीं पाया और दुर्योधन दुशासन आदि को स्वर्ग में मजे करते हुए देखा तो उन्हें क्रोध आया! ऐसे में उन्होंने देवराज से कहा की मैं इसे देखना भी नहीं चाहता मुझे मेरे भाइयो के पास ले चलो!
फिर धोखे से देवराज युधिस्ठर को नरक ले आये जंहा उन्हें अपने परिजनों की चीखे सुनाई दे रही थी, उनके द्वारा जो धोखे से द्रोणाचार्य को मरवाया गया था इसके बदले उन्हें नरक में आना पड़ा था! जब उन्हें देवराज इंद्र पुनः ले जाने लगे तो उन्होंने वंही नरक में अपने भाइयो के साथ नरक में ही रेहनी की इच्छा जताई थी!
तब देवराज इंद्र ने उन्हें कहा की वो सब स्वर्ग में पहले ही जा चुके है, आपको द्रोणाचार्य से सच्चा झूठ बोलने के एवज में नरक का दर्शन करवाया गया है अब आप स्वर्ग चले! युधिस्ठर ने तब इंद्र से दुर्योधन दुस्सासन आदि के पापी होने पर भी स्वर्ग में भोग पाने का कारण पूछा...
तब इंद्र ने कहा की जिन लोगो के पाप ज्यादा होते है उन्हें पहले स्वर्ग ही मिलता है (उनके पुण्यो के बदले), हालाँकि दुर्योधन आदि कौरव पापी थे लेकिन उन्होंने युद्ध में पीठ नहीं दिखाई और क्षत्रिय धर्म निभाया था! उसी के पुण्य से उन्हें पहले स्वर्ग मिला है और बाद में वो निश्चित रूप से नरक में तपाये जायेंगे.
जिनके पुण्य ज्यादा होते है उनको उनके छोटे मोटे पापो के लिए पहले नरक दिखाया भर जाता है ताकि वो आगे सचेत रहे, उनके बाद उन्हें अनुपम (स्वर्ग से भी बढ़ के) लोकि की प्राप्ति होती है जैसे बाकि पांडवो की हो चुकी है! अब आप भी उनके पास जाइये और अक्षय दिव्य लोको का भोग उठाइये...
उपसंहार: पापियों को पहले स्वर्ग में सुख मिलता है बाद में उनके पापो की पीड़ा जिससे उन्हें स्वर्ग के सुख याद रहे और अंत में नरको की पीड़ा से उन्हें अपने अगले जन्मो में ये याद रहे की अच्छे कर्म ही करने है! अगले जन्म में वो भी उनकी आत्मा में समय रहता है जबकि पुण्यवानो को भी चेतावनी मिलती रहे! प्रभु की लीला अपरम्पार है...


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